agdjhasgd
डॉ. हर्षवर्धन ने टोक्यो में स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन के तहत पहली संयुक्त समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार डॉ. हिरोतो इजुमी के साथ स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के तहत पहली संयुक्त समिति (जेसीएम) की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस एमओसी पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान अक्टूबर 2018 में स्वास्थ्य एवं कल्याण में सहयोग के लिए भारत के आयुष्मान भारत और जापान के एशिया हेल्थ एंड वेल-बीइंग इनिशिएटिव (एएचडब्ल्यूआईएन) ने हस्ताक्षर किए थे।
संयुक्त समिति ने एमओसी के तहत चल रही गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की और इन गतिविधियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। ये गतिविधियां दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
बैठक के दौरान जापान ने स्वास्थ्य की देखभाल के क्षेत्र में दोनों देशों की सार्वजनिक/ निजी एजेंसियों के बीच विशिष्ट परियोजनाओं को प्रस्तुत किया। ये परियोजनाएं स्वास्थ्य सेवा लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा दक्षता एवं चिकित्सा देखभाल की दक्षता में सुधार के लिए तृतीयक अस्पताल में आईसीटी की उपयोगिता, आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधनों का आदान-प्रदान और भारत एवं जापान के बीच स्वास्थ्य सेवा नवाचार नेटवर्क की स्थापना जैसे क्षेत्रों से संबंधित है। भारत ने इन परियोजनाओं का स्वागत किया और इनसे मिली सीख के आधार पर इन गतिविधियों में विस्तार की इच्छा जताई ।
साथ ही भारत ने जापान के विचार के लिए विभिन्न सहयोग परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए जो निम्नलिखित हैं:
भारत और जापान के बीच मानव संसाधन विकास में साझेदारी और तृतीयक देखभाल केंद्रों के बीच सहयोग, जेआईसीए के माध्यम से अस्पताल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग, आयुर्वेद एवं आयुर्वेदिक फार्माकोपिया को विशेष रूप से पहचानने, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च मानक की जेनेरिक दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोग, कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देशों के संस्थानों के बीच संयुक्त अनुसंधान सहयोग और जेनेरिक चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए सहयोग।
बैठक के अंत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतिथ्य-सत्कार के लिए जापान के प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया और निर्धारित समय पर भारत में अगली जेसीएम बैठक के लिए जापान का स्वागत किया।
******
एझिमाला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन
भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में आज शुक्रवार 18 अक्टूबर, 2019 को “राष्ट्रों को आकार देने में समुद्री शक्ति की भूमिका” पर दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन हुआ। सेमिनार के दौरान इस विषय पर केंद्रित आठ व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) और पश्चिमी नौसेना कमान के पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा द्वारा एक आमंत्रण वार्ता भी इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। कार्यक्रम में कई सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, प्रख्यात शिक्षाविद, थिंक टैंक के प्रतिनिधि, रक्षा विश्लेषक और प्रतिष्ठित दिग्गज उपस्थित थे।
वीएसएम (सेवानिवृत्त), कमोडोर सी उदय भास्कर की अध्यक्षता में संगोष्ठी में दूसरे दिन के दौरान ‘वैश्विक राजनीति में समुद्र शक्ति की केंद्रीयता’ विषय पर विचार-विमर्शों का आयोजन किया गया। आईएनएएस के मिडशिपमैन आदित्य जैन, अमोघ चावला और टीएम रवि किरण ने ‘आईओआर में भारत की समुद्री रणनीति के साथ भू राजनीति को संबंध’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। तक्षशिला संस्थान के सह-संस्थापक और निदेशक, श्री नितिन पाई ने ‘समुद्री शक्ति का जन्म हुआ अथवा सृजन किया गया’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी और शिव नादर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और शासन अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. जबीन टी जैकब ने ‘चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षा: समुद्री क्षेत्र विस्तार की समझ’ पर अपना व्याख्यान दिया। नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन की रिसर्च एसोसिएट सुश्री रितिका कपूर ने ‘हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीति का विकास: श्रीलंका में चीन की समुद्री शक्ति का विस्तार’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया।
भारतीय नौसेना के डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, रियर एडमिरल तरुण सोबती ने समापन संबोधन देते हुए उच्च गुणवत्तायुक्त विचार-विमर्श के माध्यम से अपने समृद्ध अनुभव और बौद्धिक प्रस्तुति के लिए अध्यक्ष और प्रतिनिधियों की भागीदारी की सराहना की। दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति 2019 के समन्वयक कमोडोर बेन एच बर्सन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
इंडियन नेवल एकेडमी ने एझीमाला स्थित माउंट दिल्ली के बाद वार्षिक सेमिनार को ‘दिली’ श्रृंखला के रूप में नामित किया, जो इस क्षेत्र के समुद्री इतिहास के विकास का गवाह रही है। संगोष्ठी के दौरान समृद्ध अनुभवों के साथ और ‘दिल्ली’ श्रृंखला समुद्री क्षेत्र के विकास के संदर्भ में युवा अधिकारियों और कैडेटों के लिए प्रोत्साहन का भी आधार रही है।
*******