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बहुविषय साइबर – फिजिकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS) क्या है ? इसके उद्देश्यो संभावित लाभों एवं इसे लाने के पीछे की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए |
ओपेक संगठन की कतर द्वारा हालिया समय में सदस्यता छोड़ देने से इस संगठन के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व पर कोई असर पड़ेगा | इसके उद्देश्य को भी समझाए | क्या ओपेक इंटरनेशनल सेमिनार अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य को प्रभावित करने के लिए आयल डिप्लोमेसी का प्रयोग कर सकती है | तर्क सहित उत्तर दीजिए |
डॉ. हर्षवर्धन ने टोक्यो में स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन के तहत पहली संयुक्त समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार डॉ. हिरोतो इजुमी के साथ स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के तहत पहली संयुक्त समिति (जेसीएम) की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस एमओसी पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान अक्‍टूबर 2018 में स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण में सहयोग के लिए भारत के आयुष्‍मान भारत और जापान के एशिया हेल्‍थ एंड वेल-बीइंग इनिशिएटिव (एएचडब्ल्यूआईएन) ने हस्‍ताक्षर किए थे।

संयुक्त समिति ने एमओसी के तहत चल रही गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की और इन गतिविधियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। ये गतिविधियां दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।

बैठक के दौरान जापान ने स्वास्थ्य की देखभाल के क्षेत्र में दोनों देशों की सार्वजनिक/ निजी एजेंसियों के बीच विशिष्ट परियोजनाओं को प्रस्तुत किया। ये परियोजनाएं स्‍वास्‍थ्‍य सेवा लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा दक्षता एवं चिकित्सा देखभाल की दक्षता में सुधार के लिए तृतीयक अस्पताल में आईसीटी की उपयोगिता, आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधनों का आदान-प्रदान और भारत एवं जापान के बीच स्वास्थ्य सेवा नवाचार नेटवर्क की स्थापना जैसे क्षेत्रों से संबंधित है। भारत ने इन परियोजनाओं का स्वागत किया और इनसे मिली सीख के आधार पर इन गतिविधियों में विस्तार की इच्‍छा जताई ।

साथ ही भारत ने जापान के विचार के लिए विभिन्न सहयोग परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए जो निम्‍नलिखित हैं:

भारत और जापान के बीच मानव संसाधन विकास में साझेदारी और तृतीयक देखभाल केंद्रों के बीच सहयोग, जेआईसीए के माध्यम से अस्पताल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग, आयुर्वेद एवं आयुर्वेदिक फार्माकोपिया को विशेष रूप से पहचानने, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च मानक की जेनेरिक दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोग, कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देशों के संस्थानों के बीच संयुक्त अनुसंधान सहयोग और जेनेरिक चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए सहयोग।

बैठक के अंत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतिथ्य-सत्‍कार के लिए जापान के प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया और निर्धारित समय पर भारत में अगली जेसीएम बैठक के लिए जापान का स्वागत किया।

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एझिमाला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन

भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में आज शुक्रवार 18 अक्टूबर, 2019 को “राष्ट्रों को आकार देने में समुद्री शक्ति की भूमिका” पर दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन हुआ। सेमिनार के दौरान इस विषय पर केंद्रित आठ व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) और पश्चिमी नौसेना कमान के पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा द्वारा एक आमंत्रण वार्ता भी इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। कार्यक्रम में कई सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, प्रख्यात शिक्षाविद, थिंक टैंक के प्रतिनिधि, रक्षा विश्लेषक और प्रतिष्ठित दिग्गज उपस्थित थे।

वीएसएम (सेवानिवृत्त), कमोडोर सी उदय भास्कर की अध्यक्षता में संगोष्ठी में दूसरे दिन के दौरान ‘वैश्विक राजनीति में समुद्र शक्ति की केंद्रीयता’ विषय पर विचार-विमर्शों का आयोजन किया गया। आईएनएएस के मिडशिपमैन आदित्य जैन, अमोघ चावला और टीएम रवि किरण ने ‘आईओआर में भारत की समुद्री रणनीति के साथ भू राजनीति को संबंध’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। तक्षशिला संस्थान के सह-संस्थापक और निदेशक, श्री नितिन पाई ने ‘समुद्री शक्ति का जन्म हुआ अथवा सृजन किया गया’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी और शिव नादर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और शासन अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. जबीन टी जैकब ने ‘चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षा: समुद्री क्षेत्र विस्तार की समझ’ पर अपना व्याख्यान दिया। नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन की रिसर्च एसोसिएट सुश्री रितिका कपूर ने ‘हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीति का विकास: श्रीलंका में चीन की समुद्री शक्ति का विस्तार’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया।

भारतीय नौसेना के डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, रियर एडमिरल तरुण सोबती ने समापन संबोधन देते हुए उच्च गुणवत्तायुक्त विचार-विमर्श के माध्यम से अपने समृद्ध अनुभव और बौद्धिक प्रस्तुति के लिए अध्यक्ष और प्रतिनिधियों की भागीदारी की सराहना की। दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति 2019 के समन्वयक कमोडोर बेन एच बर्सन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इंडियन नेवल एकेडमी ने एझीमाला स्थित माउंट दिल्ली के बाद वार्षिक सेमिनार को ‘दिली’ श्रृंखला के रूप में नामित किया, जो इस क्षेत्र के समुद्री इतिहास के विकास का गवाह रही है। संगोष्ठी के दौरान समृद्ध अनुभवों के साथ और ‘दिल्ली’ श्रृंखला समुद्री क्षेत्र के विकास के संदर्भ में युवा अधिकारियों और कैडेटों के लिए प्रोत्साहन का भी आधार रही है।

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हालिया सरकारी आदेश में 10 केन्द्रीय एजेन्सियों के साथ कंप्यूटर भंडारित सूचना साझा करने को कहा है किससे निजता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे को जन्म दिया | आपके अनुसार क्या ऐसा करना तार्किक है ? सुझाव दे |
उपराष्ट्रपति ने लोक-लुभावन उपायों के विरुद्ध चेतावनी देते हुए कहा कि इससे विकास पर आने वाले खर्च प्रभावित होंगे लोग अपने जनप्रतिनिधियों का चयन करते समय सोच-विचार कर निर्णय लें : उपराष्ट्रपति भारत में टॉर्ट्स कानून को और भी अधिक सशक्त करने का समय आ गया है उपराष्ट्रपति ने बैंगलुरू के पीईएस विश्वविद्यालय के कानून के छात्रों से बातचीत की

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने चुनावों की पूर्व-संध्या पर मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन उपायों के विरूद्ध आज राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि इससे विकास पर होने वाले खर्च पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति भवन में आज बैंगलुरू के कानून के छात्रों से बातचीत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा लोकतंत्र को मजबूत करना जनता के हाथ में है। उन्होंने कहा मतदान करना केवल एक अधिकार ही नहीं है, बल्कि उनका उत्तरदायित्व भी है। उन्होंने लोगों से मांग करते हुए कहा कि वे अपने प्रतिनिधियों को चुनते समय 4 सी – करेक्टर (चरित्र), कंडक्ट (व्यवहार), कैलिबर (बुद्धि) और कैपेसिटी (क्षमता) को ध्यान में रखें।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग अन्य 4 सी – कास्ट (जाति), कम्युनिटी (समुदाय), कैश (धन) और क्रिमिनलिटी (अपराध) को बढ़ावा देकर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों का चयन करते समय लोगों को सोच-विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने पर जोर देते हुए कहा कि इससे एक समय में ही पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की मजबूती के लिए राज्यों में किसी कारण से स्थानीय निकायों के चुनावों को स्थगित करने की संभावना नहीं होनी चाहिए।

श्री नायडू ने कहा कि न्याय तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने में अधिवक्ता महत्वपूर्ण हितधारक हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे स्थिर और समृद्ध समाज की नींव तैयार होती है।

विभिन्न न्यायालयों में अत्यधिक संख्या में लंबित मुकदमें के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में लगभग 60,000 मुकदमें लंबित हैं और उच्च न्यायालयों में लगभग 44 लाख मुकदमें हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अकसर ऐसा कहा जाता है कि न्याय में देरी होना, न्याय से वंचित होना है।

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डॉ. हर्षवर्धन ने‘ईट राइट इंडिया ’ अभियान को मजबूत करने एवं व्‍यापक बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम) योजना की शुरुआत की डॉ. हर्षवर्धन ने विश्‍व खाद्य दिवस 2019 पर ‘ईट राइट जैकेट’ और ‘ईट राइट झोला’ का भी शुभारंभ किया.सौज्जन से PIB

केन्द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्‍ली में विश्‍व खाद्य दिवस 2019 मनाये जाने के लिए आयोजित समारोह में कहा, ‘आम लोगों तक पहुंच सुनिश्चित कर सकने वाले दिग्‍गजों एवं महत्‍वपूर्ण निकायों को प्रेरित कर हम प्रत्‍येक व्‍यक्ति तक पहुंच सकते हैं। हमें समाज के हर तबके को शामिल करना है, ताकि ‘ईट राइट इंडिया’ एक राष्‍ट्रव्‍यापी अभियान बन सके।’ इस दिवस की थीम है ‘शून्‍य भूखमरी वाली दुनिया के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भोजन।’ इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने ‘ईट राइट जैकेट’ और ‘ईट राइट झोला’ के साथ-साथ ‘खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम)’ योजना का भी शुभारंभ किया, ताकि खाद्य सुरक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूत किया जा सके और इसके साथ ही ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को व्‍यापक बनाया जा सके।
डॉ. हर्षवर्धन ने विशेष बल देते हुए कहा कि लोगों में बहुप्रती‍क्षित सामाजिक एवं स्‍वभाव संबंधी बदलाव लाने के लिए ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान अंतिम जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि यदि सही रणनीति अपनायी जाए और समाज के हर तबके तक पहुंचने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं, तो ‘फिट इंडिया’ अभियान के साथ-साथ इस अभियान को भी उल्‍लेखनीय सफलता मिल सकती है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों को महात्‍मा गांधी के संदेशों को अपनाना चाहिए जिनमें उन्‍होंने कम भोजन करने, सुरक्षित एवं स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भोजन करने, अतिरिक्‍त भोजन को साझा करने की आदत डालने और खाद्य पदार्थों की बर्बादी में कमी लाने को कहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने बहुक्षेत्रीय अवधारणा पर प्रकाश डालने के लिए पोलियो के उदाहरण को उद्धृत करते हुए कहा, ‘हम सभी को अपने-अपने हिसाब से यह जिम्‍मेदारी लेनी चाहिए। मेरा मानना है कि हम सभी आपस में मिलकर स्‍वास्‍थ्‍य एवं समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए नई अवधारणाएं विकसित करने में समर्थ साबित होंगे।’
खाद्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर ‘जन आंदोलन’ की विशिष्‍ट अहमियत पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकने के प्रयोजन को मजबूत करने के लिए लोगों अथवा संगठनों की ओर से छोटे-छोटे सकारात्‍मक कदम उठाये जा सकते हैं।
‘खाद्य सुरक्षा मित्र’ योजना छोटे एवं मझोले खाद्य व्‍यवसायियों के लिए खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन करने और लाइसेंस एवं पंजीकरण, स्वच्छता रेटिंग तथा प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाने में मददगार साबित होगी। खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के अलावा यह योजना विशेषकर खाद्य एवं पोषण से जुड़ी पृष्‍ठभूमि वाले युवाओं के लिए नये रोजगार अवसर भी सृजित करेगी। खाद्य सुरक्षा मित्रों (एफएसएम) को एफएसएसएआई द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रमाण-पत्र दिये जाएंगे, ताकि वे संबंधित कार्य कर सकें और अपनी सेवाओं के लिए खाद्य व्‍यवसायियों से भुगतान प्राप्‍त कर सकें। 15 एफएसएम के प्रथम बैच को आज प्रमाण-पत्र दिये जाएंगे (योजना का विवरण https://fssai.gov.in/mitra/ पर उपलब्‍ध है)।
‘ईट राइट जैकेट’ का आज शुभारंभ किया गया, जिसका उपयोग विभिन्‍न क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों (फील्‍ड स्‍टाफ) द्वारा किया जाएगा। यह स्‍मार्ट डिजाइन वाली जैकेट है, जिसमें अनेक तकनीकी उपकरण जैसे कि टैबलेट/स्‍मार्ट फोन, क्‍यूआर कोड और पहचान करने एवं नजर रखने के लिए आरएफआईडी टैग लगाये जा सकते हैं। इससे जहां एक ओर विभिन्‍न क्षेत्रों में काम कर रहे फील्‍ड स्‍टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर इससे खाद्य सुरक्षा व्‍यवस्‍था में पारदर्शिता, प्रोफेशनल रुख एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी तथा इसके साथ ही स्‍वामित्‍व की भावना आएगी एवं एफएसओ को उन पर नजर रखने में सुविधा होगी। ‘ईट राइट झोला’ दरअसल कपड़े का एक ऐसा थैला है, जिसे फिर से उपयोग में लाया जा सकता है, अत: यह खुदरा किराना दुकानों में खरीदारी करते वक्‍त प्‍लास्टिक की थैलियों का स्‍थान बड़ी आसानी से ले सकेगा। चूंकि बार-बार उपयोग में लाने पर थैले बैक्‍टीरिया, सूक्ष्‍म जीवाणु इत्‍यादि की वजह से दूषित हो जाते हैं, अत: स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा एवं साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए कपड़े के थैलों की नियमित धुलाई आवश्‍यक है। कपड़े के ये थैले एक निजी वस्‍त्र किराया सेवा कंपनी के जरिये किराये पर उपलब्‍ध कराये जा रहे हैं।
देश भर में कार्यरत घरेलू कामगारों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के उद्देश्‍य से एफएसएसएआई ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधीनस्‍थ घरेलू कामगार क्षेत्र कौशल परिषद (डीडब्‍ल्‍यूएसएससी) के साथ साझेदारी की है। आरडब्‍ल्‍यूए के सहयोग से डीडब्‍ल्‍यूएसएससी के प्रशिक्षण साझेदारों के जरिये पहले चरण में एक लाख घरेलू कामगारों और घर-घर काम करने वाली महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह आंकड़ा आगे चलकर बढ़ाया जाएगा।
देश भर में ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को व्‍यापक बनाने के लिए एफएसएसएआई ने अनेक हस्तियों को इससे जोड़ा है। इस्‍तेमाल में लाए जा चुके कुकिंग ऑयल को बायो डीजल में तब्‍दील करने और जिन्‍दगी के प्रथम 1000 दिनों में पोषण पर दो लघु फिल्‍में इस अवसर पर जारी की गईं, जिनमें क्रमश: श्री विराट कोहली और सुश्री जुही चावला ने भूमिका निभाई है।
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उच्चतम उदाहरण पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने ममल्लापुरम तट पर सफाई की परिवेश को स्वच्छ बनाए रखने के प्रयास के तहत उदाहरण पेश करते हुए तट पर बिखरा हुआ कचरा और प्लास्टिक उठाया

स्वच्छ भारत के लिए प्रयासरत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश के के सामने उदाहरण पेश किया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ सुथरा रखने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।

ममल्लापुरम के तट पर सुबह की सैर करने निकले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 30 मिनट से भी अधिक समय तक वहां बिखरे प्लास्टिक और कचरे को इकट्ठा किया।

बाद में उन्होंने ट्वीट किया, ”आज सुबह ममल्लापुरम के तट पर गया। वहां करीब 30 मिनट से भी अधिक समय तक रहा। वहां बिखरे प्लास्टिक और कचरे को इकट्ठा किया और होटल कर्मचारी जयराज को इकट्ठा किया कचरा दे दिया। हम यह सुनिश्चित करें कि हमारे सार्वजनिक स्थल साफ सुथरे रहें! आइए हम यह भी सुनिश्चित करें कि हम फिट और स्वस्थ रहें।”

Plogging at a beach in Mamallapuram this morning. It lasted for over 30 minutes.

Also handed over my ‘collection’ to Jeyaraj, who is a part of the hotel staff.

Let us ensure our public places are clean and tidy!

Let us also ensure we remain fit and healthy. pic.twitter.com/qBHLTxtM9y

— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2019
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘चेन्नई कनेक्ट’ से भारत-चीन संबंधों में सहयोग का एक नया दौर शुरू हुआ वुहान शिखर वार्ता से भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता बढ़ी मामल्लपुरम में भारत-चीन अनौपचारिक शिखर वार्ता सम्पन्न

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु के चेन्नई के मामल्लपुरम में दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता को भारत और चीन के बीच ‘सहयोग के एक नए दौर’ की शुरूआत कहा।

प्रधानमंत्री आज मामल्लपुरम में अनौपचारिक वार्ता के दूसरे दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की शुरूआत में अपना उद्घाटन वक्तव्य दे रहे थे।

पिछले साल वुहान में दोनों देशों के बीच पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे हमारे संबंधों में स्थिरता बढ़ी है और उसे एक नई रफ्तार मिली है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सामरिक संचार में बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘हमने तय किया है कि हम अपने मतभेदों को विवादों में बदलने से पहले ही उसका समाधान करेंगे, हम एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील होंगे और हमारे संबंध विश्व शांति एवं स्थिरता के लिए प्रयासरत होंगे।’

मामल्लपुरम में दूसरे अनौपचारिक शिखर वार्ता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चेन्नई शिखर वार्ता में अब तक हमने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर काफी बातचीत की है। वुहान शिखर वार्ता ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति प्रदान की है। आज हमारे चेन्नई कनेक्ट के साथ दोनों देशों के संबंधों में सहयोग के एक नए युग की शुरुआत हुई है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे दूसरे अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आने के लिए धन्यवाद देता हूं। चेन्नई कनेक्ट से भारत-चीन संबंधों को काफी गति मिलेगी। इससे दोनों देशों और दुनिया के लोगों को फायदा होगा।’