(SANSAD TV) Mudda Aapka: Pakistan political crisis | पाकिस्तान का सियासी संकट
आज इस कार्यक्रम में हम बात करेंगे पाकिस्तान में जारी सियासी संकट की। 75 साल पहले भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना। दोनों देशों ने लोकतंत्र को अपनाया। गौर किजिएगा। दोनों देशों ने लोकतंत्र को अपनाया। लेकिन असली फर्क यहीं से शुरू हो जाता है। एक तरफ जहां भारत का लोकतंत्र दिन-ब-दिन मजबूत होता गया। भारत के लोकतंत्र की चर्चा पूरी दुनिया में बड़े अदब के साथ की जाती है..वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान का लोकतंत्र है..जिसमें शायद लोकतंत्र में से लोक गायब सा हो गया लगता है और जब लोकतंत्र में से लोक हट जाता है तो सिर्फ तंत्र ही बचता है यही हाल आज पाकिस्तान का नजर आ रहा है। वहां तंत्र है लेकिन किसका…ये बड़ा सवाल है। पाकिस्तान की सियासत में कभी पर्दे के आगे तो कभी पर्दे के पीछे जो तंत्र काम कर रहा है वो है वहां की सेना का तंत्र। पाकिस्तान की सियासत के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 75 साल बीत जाने के बाद भी आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। मौजूदा केयरटेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा में कहें तो हर बार पाकिस्तान की सियासत में पीएम रन आउट हुआ है। अब बात ताजा सियासी संकट की करें तो जो फैसला पाकिस्तान की संसद भवन में होना था वो सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई…लेकिन फैसला नहीं हो पाया। अब मामले पर मंगलवार को फैसला आएगा। आज चर्चा करेंगे पाकिस्तान में जारी सियासी संकट की। क्यों पाकिस्तान में स्थिर सरकार आज भी सपना है। क्या है फौज की भूमिका।