(SANSAD TV) Mudda Aapka: Seven decades of Parliament | सात दशक संसद के | 13 May, 2022
संसद टीवी के ख़ास कार्यक्रम मुद्दा आपका में आज बात भारतीय संसदीय व्यवस्था के 7 दशक की। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है भारत.. और 13 मई का दिन हमारे देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक मील का पत्थर है। आज देश के संसदीय लोकतंत्र की 70वीं वर्षगांठ है। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत का पहला संसद का सत्र 13 मई, 1952 से आहूत किया गया था। तीन अप्रैल, 1952 को पहली बार उच्च सदन यानी राज्यसभा का गठन किया गया और इसका पहला सत्र 13 मई, 1952 को आयोजित किया गया। इसी तरह 17 अप्रैल, 1952 को पहली लोकसभा का गठन किया गया जिसका पहला सत्र 13 मई, 1952 को आहूत किया गया। 1952 को हमारे देश में प्रथम लोकसभा का गठन हुआ था। उस समय हमारे संसद में सदस्यों की संख्या 489 थी। तब देश में करीब 17 करोड़ मतदाता थे। 2009 में संसद में सदस्यों की संख्या बढ़कर 543 हो गई। यानी 57 साल में 54 सदस्यों की बढ़ोतरी। 1952 में मतदाताओं की संख्या जहां 17 करोड़ थी, वहीं आज की तारीख में मतदाताओं की संख्या लगभग 92 करोड़ है जबकि आबादी 138 करोड़ के पास। समय के साथ तमाम निष्पक्ष और सफल चुनाव की परंपरा हमने देखी है, एक तरह से भारत में संसदीय लोकतंत्र कसौटी पर खरा उतरा है. वक्त के साथ भारत में लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हुई हैं, आज दुनिया के कई देश संसदीय संस्थाओं के सफल संचालन के लिये भारत के अनुभव से सीख लेना चाहते हैं, इन 70 साल के सफर में हमने क्या खोया और क्या पाया इस पर चर्चा और विश्लेषण करना आज हमारा कर्तव्य बनता है मुद्दा आपका में आज बात हमारे लोकतंत्र के 70 साल के सफर और इसके उतार चढ़ाव की।
Guests:
1. Hukmdev Narayan Yadav, Former Member, Lok Sabha
हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व सदस्य, लोक सभा
2. K.C. Tyagi, Former MP Rajya Sabha
के.सी. त्यागी, पूर्व सांसद, राज्य सभा
3. KTS Tulsi, Member of Parliament, Rajya Sabha, Congress
केटीएस तुलसी, सदस्य, राज्य सभा, कांग्रेस
Anchor: Preeti Singh
Producer: Pardeep Kumar, Sagheer Ahmad